ध्यान के फायदे (लाभ)
सच्चो सतराम !
ध्यान !!!
अभी हम यह जो भी कुछ कर रहे हैं ध्यान के लिए, तो हम कर तो रहे हैं, लेकिन,
मिले गा क्या ?
उनके फायदे क्या होंगे?
तो हम जितने भी इंसान हैं, सभी इसी बात को मानते हैं,कि, जैसे करम करें गे,वैसा फल मिलेगा l
वास्तव में, ध्यान हमारे कर्मों का बीज है l
उस में सब से पहले, हमारे शुद्ध विचार उत्पन होंगे l
हमारे जैसे भी ख्याल होंगे, जैसे भी विचार होंगे,वैसे ही हम करम करें गे l
तो जब हम ध्यान करें गे,तो सब से पहले हामारे विचार शुद्ध होंगे, हामारे ख्याल शुद्ध होंगे, और जैसे ही हामारे ख्याल शुद हुए ,विचार शुद्ध हुए, सब से पहले हमें शान्ति मिलेगी, हमें सकून मिलेगा l
हमारी जो भी अशांति होगी, अंदर की भड़ास होगी, वोह सभी ख़तम हो जाये गी, और,
हम शांतचित हो जाएँ गे, और सकून महसूस करें गे l
और जब खुद शांत होंगे, तो फिर हामारे जीवन में, अपने आप सुधार होने शुरू हो जायेगे l
फिर हम जब जागते रहें गे, तभी भी सकून में, और जब सोयेंगे तभी भी शांती से, एक अच्छी नींद लें गे, जब हमारी सोच, विचार और जीवन, शांतमय होगा, हामारे बुरे विचार समाप्त हो जायेंगे, अच्छे विचार आ जायेंग,े तो फिर…….जैसे एक कहावत है,
हम कहते हैं कि ‘इंसान के जैसे विचार होते हैं,वैसे वोह करम करता है, जैसे करम करता है, वैसा खुद बन जाता है, और जैसा खुद होता है,वैसा ही,फल पाता है l
तो वही चीज़ें, हामारे सामने आएंगी l
सब से पहल,े विचार अच्छे होंगे, और जैसे जैसे विचार अच्छे होंगे, खयालात अच्छे होंगे ,सीधी सी बात है,करम अपने आप अच्छे हो जाएँ गे l
और जैसे ही, हामारे करम अच्छे होंगे, हम अच्छा ही करें गे, तो अच्छे कर्मों का फल, हमेशा सुख मिलता है, तो हम जब अच्छे करम करें गे, तो उसका फल हमें, संसार में,सुख मिलेगा, संसार में हमारा जीवन, कुछ बेहतर होगा, हमें इज़त, मान, शान, सुख संवृद्धि, सब मिलेगी, सम्पती वगैरा सब कुछ, उसके फल स्वरुप, मिलेगी l
ध्यान से,जो अच्छे करम करेंग,उनका हमें यहाँ पर अच्छा फल मिलेगा, और ध्यान के साथ, जब हम नाम ध्यान करेंगे, तो फिर हमारा अंदर, इतना उज्वल, इतना ऊंचा, इतना बेहतर, इतना प्रकाशमय, इतना प्रज्वलित होगा, कि हम अपने अंदर को शुद्ध कर के, उस सतगुरु, उस ईश्वर, उस परमात्मा को, अपने अंदर में बिठा देंगे l
और फिर हमारे जीवन में,सत्कर्मों के कारण, हमें संसार के, सभी सुख मिलेंगे, और उसके साथ, नाम, ध्यान, के साथ, हमारे आगे के जो द्वार हैं वोह भी खुल जायेंगे l
और हमारा लोक, और परलोक, दोनों सुधर जायेंगे l
यहाँ पर भी सुखी रहें गे, वहाँ पर भी सुखी रहें गे l
यहाँ पर भी शांती को पाएंगे, वहाँ पर, उसी प्रभु को पाएंगे l
और हम लोकm परलोकm दोनों सनवारके,उसी मालिक तक पहुँच जायेंगे l
औ, हमेशा के,सुख को पाएंगे,और, यही चीज़, हमें सब से ऊंचा और सुखदायक बनाये गी l
यहाँ पर भी सुख, वहाँ पर भी सुख, यहाँ पर इज़त, वहाँ पर मालिक कि रेहमत, और कृपा l
और, हामारे दोनों जहाँ, जो हैं सुधर जायेंगे l
यही, ध्यान के बड़े फायदे हैं, कि,हम, दोनों जहाँ, दोनों लोक, संवारते हैं, बनाने हैं l
और, उसी मालिक से यही प्रार्थना है, कि,हम ऐसे बनें, कि,हम दोनों जहाँ को, संवार के, उसी मालिक को, उसकी कृपा, और, रेहमत को पाएं